रिपोर्ट: देवेंद्र सागर

अम्बेडकर नगर। थाना इब्राहिमपुर क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हैरत की बात यह है कि मीडिया में लगातार रिपोर्टिंग और शिकायतों के बावजूद न तो खनन माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो रही है और न ही संबंधित विभाग सक्रियता दिखा रहा है।दो दिन पूर्व ही अवैध खनन से जुड़ी खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हुई थीं, पर इसके बावजूद माफियाओं के हौसले और बुलंद नजर आ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर खनन माफिया और विभागीय अधिकारियों के बीच ‘अटूट बंधन’ की चर्चा अब आम हो चुकी है।एक रॉयल्टी, कई स्थानों पर खनन!सूत्रों के मुताबिक, खनन माफिया एक ही रॉयल्टी दस्तावेज का उपयोग करते हुए कई स्थलों पर खनन कार्य करवा रहे हैं। यह न केवल नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय भू-संरचना को भी भारी क्षति पहुँचा रहा है।सफेद चूने से होती है गाटा की पहचान स्थानीय पत्रकारों की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि खनन की आड़ में कई गाटा (भूमि खंड) का अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा है।

सफेद चूना लगाकर इन्हें चिन्हित कर रात के अंधेरे में खनन कराया जा रहा है, और खनन विभाग इस पूरे खेल पर आंख मूंदे बैठा हुआ है।बड़ा सवाल: खनन निरीक्षक की भूमिका क्या केवल खानापूर्ति तक सीमित?अब सवाल यह उठता है कि जब रॉयल्टी केवल एक जगह की दी जाती है, तो फिर अन्य स्थलों पर खनन की अनुमति कैसे मिल रही है? क्या खनन निरीक्षक की भूमिका केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित रह गई है?निष्क्रियता या मिलीभगत?खनन विभाग की चुप्पी और लगातार शिकायतों पर भी कार्रवाई न होना इस ओर इशारा करता है कि माफियाओं को कहीं न कहीं विभागीय संरक्षण प्राप्त है। यदि शीघ्र ही इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में इसका गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव सामने आ सकता है।