
अम्बेडकरनगर।जनपद की ए श्रेणी की सुप्रसिद्ध नगर पालिका परिषद टांडा, जो कभी अनुशासित व्यवस्था और विकास कार्यों के लिए जानी जाती थी, आज प्रशासनिक शिथिलता और अव्यवस्था की मार झेल रही है। कोरोना काल के बाद से जैसे इस नगर पालिका पर नज़र लग गई हो।सभासदों के बीच लगातार मतभेद और नगर पालिका का संचालन प्रशासक के हवाले रहने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। उपजिलाधिकारी टांडा को ही नगर पालिका परिषद का प्रभारी अधिशासी अधिकारी भी बनाया गया है, जिसके चलते दोहरी जिम्मेदारी का दबाव स्पष्ट रूप से नगर के कामकाज पर दिख रहा है।
EO और RI की अनुपस्थिति बनी संकट का कारण
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डॉ. आशीष कुमार सिंह के अवकाश पर चले जाने और तेज़-तर्रार राजस्व निरीक्षक राकेश कुमार गौरव के स्थानांतरण के बाद टांडा नगर पालिका में अनुशासन और प्रशासन दोनों की कमी महसूस की जा रही है।स्थिति यह है कि कुछ गैर-जिम्मेदार कर्मचारी खुद को अधिकारियों से ऊपर समझने लगे हैं। कार्यालय में सन्नाटा पसरा है और लोकल कर्मचारियों का “रुतबा” और “भौकाल” खुलकर सामने आने लगा है।कर्मचारियों में अनुशासनहीनता, अतिक्रमणकारी सक्रियपूर्व EO और RI की मौजूदगी में जहाँ कर्मचारियों, सफाईकर्मियों से लेकर अतिक्रमणकारियों तक में डर का माहौल था, वहीं अब यह अनुशासन लगभग समाप्त हो चुका है।

सूत्रों के अनुसार, कुछ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब स्वयं राजस्व निरीक्षक की भूमिका पाने की मंशा रख रहे हैं। वहीं, कुछ सख्त कार्यशैली वाले मौजूदा आरआई के स्थानांतरण का भी इंतज़ार किया जा रहा है, ताकि और अधिक मनमानी की जा सके।जनहित प्रभावित, विकास कार्य ठपनगर पालिका परिषद टांडा की अध्यक्ष भले ही पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही हों, हर गतिविधि पर उनकी पैनी नजर भी हो, लेकिन जब तक EO कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहेगा और जब तक एक सख्त राजस्व निरीक्षक तैनात नहीं किया जाएगा, तब तक प्रशासनिक कार्यों में गति संभव नहीं है।जनता की समस्याएं बढ़ रही हैं, और निकट भविष्य में राजस्व हानि के साथ-साथ विकास कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।शासन-प्रशासन से मांगनगरवासियों और जनप्रतिनिधियों की स्पष्ट मांग है कि टांडा नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी और अनुभवी राजस्व निरीक्षक की तत्काल नियुक्ति की जाए, ताकि नगर के प्रशासनिक ढांचे को फिर से मज़बूती मिल सके और जनता को राहत मिल सके।