अम्बेडकरनगर (उत्तर प्रदेश) — हंसवर थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ जबरन गर्भपात कराने के गंभीर आरोप के मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। घटना के पांच दिन बीत जाने के बावजूद नामजद मुख्य आरोपी अब्दुर्रहमान अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जबकि स्थानीय सूत्रों के अनुसार वह क्षेत्र में खुलेआम घूम रहा है।करीब छह माह पूर्व शुरू हुए युवक-युवती के प्रेम प्रसंग के चलते युवती गर्भवती हो गई थी। आरोप है कि युवक समद के पिता अब्दुर्रहमान ने इस पर आपत्ति जताते हुए कथित रूप से जबरन युवती का गर्भपात कराया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर समद को गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में नामजद अब्दुर्रहमान अब भी कानून की पकड़ से बाहर है।हैरानी की बात यह है कि समद की गिरफ्तारी के बावजूद युवती के साथ बैकडेट में निकाह दर्ज कराया गया, जिससे यह संदेह और गहराता है कि कहीं पूरी घटना को ढकने की कोशिश तो नहीं हो रही है।सूत्रों की मानें तो हंसवर थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी न होना यह संकेत देता है कि पुलिस या तो लापरवाह है या जानबूझकर आरोपी को संरक्षण दे रही है। साथ ही, पीड़िता के परिवार को चुप रहने की सलाह देना और सामाजिक दूरी बनाए रखने का दबाव, संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।आईपीसी की धारा 313 के अंतर्गत पीड़िता की सहमति के बिना गर्भपात कराना एक गंभीर अपराध है, जिसमें दोषी को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। ऐसे में पुलिस की लचर कार्रवाई और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी में देरी, न केवल कानून की अवमानना है, बल्कि पीड़िता को न्याय से वंचित करने के प्रयास के रूप में भी देखी जा रही है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल: जबरन गर्भपात के आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर हिन्दी दैनिक खबर/ सागर की आवाज
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