
अम्बेडकरनगर। नगर पंचायत इल्तिफातगंज में इन दिनों साफ-सफाई से लेकर विकास कार्यों तक हर व्यवस्था ठप पड़ी दिखाई दे रही है। नगरवासियों का आरोप है कि न तो कोई ठोस विकास कार्य हो रहा है और न ही जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान हो पा रहा है।

नगर पंचायत का प्रभार न्यायिक मजिस्ट्रेट टांडा के पास है, लेकिन स्थानीय स्तर पर हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। गर्मी और हीटवेव के बीच प्रमुख चौराहों पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था तक नहीं है, जिससे राहगीर और दुकानदार परेशान हैं।
जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में हो रही देरी
जनता की सबसे बड़ी समस्या जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों को लेकर है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय खुलने के बाद भी बच्चों के प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं, जिससे प्रवेश में बाधा आ रही है। आरोप है कि सिर्फ कुछ ‘पहुंच’ वाले लोगों के ही प्रमाणपत्र समय से जारी हो पा रहे हैं।
विकास कार्य ठप, जनता में नाराज़गी
नगरवासी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि अध्यक्ष कभी क्षेत्र में नजर नहीं आतीं और सारा नियंत्रण उनके पति के हाथों में है। चर्चा है कि निविदाएं भी खास चहेते ठेकेदारों को ही दी जाती हैं। क्षेत्र के कई विवादित स्थानों पर भी टेंडर पास कराए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थाई सचिव नहीं, योजनाएं अटकीं
नगर पंचायत में स्थायी सचिव की नियुक्ति न होने से योजनाओं पर विचार-विमर्श तक नहीं हो पा रहा है। मौजूदा प्रभारी अधिकारी को तहसील के राजस्व कार्यों का भी बोझ है, जिससे नगर पंचायत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
गंदगी, जलभराव और संक्रमण का खतरा
कटरिया वार्ड में वर्षों पुरानी डस्टबिन को हटाए जाने के बाद वहां कूड़े का अंबार लग गया है। नालों की सफाई न होने से जलभराव और बीमारी का खतरा बना हुआ है। कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग न होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
जनता का कहना है कि तमाम शिकायतों के बावजूद नगर पंचायत प्रशासन निष्क्रिय है। क्षेत्र में जो भी कार्य हो रहे हैं, वे सिर्फ कागजों में सीमित हैं।
जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग
क्षेत्रवासी जिलाधिकारी से मांग कर रहे हैं कि नगर पंचायत इल्तिफातगंज की स्थिति का संज्ञान लेते हुए निरीक्षण कर ठोस कार्रवाई की जाए ताकि विकास की मुख्यधारा में यह क्षेत्र भी शामिल हो सके।