
टांडा (अंबेडकर नगर), दिनांक 13 जुलाई 2025 दिन रविवार तड़के उस समय अफरा-तफरी मच गई जब छज्जापुर दक्षिणी निवासी सुरेंद्र सिंह की स्टेशनरी व किताबों की दुकान से अचानक आग की लपटें उठने लगीं। सुबह लगभग 3 बजे लगी इस भीषण आग ने कुछ ही पलों में दुकान में रखा सारा सामान—सैकड़ों किताबें, स्टेशनरी, रजिस्टर, जरूरी कागज़ात और फर्नीचर—को जलाकर राख कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी भयावह थी कि लपटें आसमान छूने लगीं। तत्काल दमकल विभाग को सूचना दी गई, लेकिन पानी की भारी कमी और संसाधनों के अभाव में वह आग पर काबू नहीं पा सका। आग बुझाने के लिए पहुंची दमकल टीम देर तक संघर्ष करती रही, मगर तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी।

टांडा कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। इस बीच, स्थानीय लोगों ने मोर्चा संभाला और बाल्टियों, पाइपों तथा सीमित संसाधनों के साथ जान की बाज़ी लगाकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार आग को नियंत्रित किया नही जा सका।
दुकानदार सुरेंद्र सिंह पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने भावुक होकर कहा—“इसी दुकान से मेरा घर चलता था, अब सबकुछ राख हो गया। भगवान का शुक्र है कि किसी की जान नहीं गई।”
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इस घटना ने न सिर्फ एक दुकान बल्कि एक परिवार की रोज़ी-रोटी और उम्मीदों को जलाकर खाक कर दिया। वहीं, इलाके में जनाक्रोश भी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि दमकल विभाग के पास पर्याप्त संसाधन होते, तो इतना बड़ा नुकसान टाला जा सकता था।