अम्बेडकरनगर। थाना हंसवर क्षेत्र के ग्राम भूलेपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक छह माह की गर्भवती महिला के साथ धोखाधड़ी कर जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता सादिया का कथित प्रेम संबंध समद नामक युवक से था। जब महिला छह माह की गर्भवती हो गई, तो समद के पिता अब्दुर्रहमान ने विवाह का झांसा देकर उसे अपने घर बुलाया। वहां से उसे जबरन एक गाड़ी में बैठाकर एक व्यक्ति राकेश के घर ले जाया गया, जहां कथित रूप से डॉ. गीता मौर्या ने उसका अवैध गर्भपात कराया।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, बिना वैध चिकित्सकीय परामर्श और स्पष्ट कारणों के इस प्रकार गर्भपात कराना भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
गांव में गूंज रही है चर्चा
ग्रामीणों और सूत्रों के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम में अब्दुर्रहमान का सहयोगी सऊद अहमद उर्फ लारा भी शामिल रहा है, जो इलाके में भूमि कब्जा और अन्य संदिग्ध गतिविधियों के लिए कुख्यात बताया जा रहा है। चर्चा है कि अब्दुर्रहमान और लारा वर्षों से विवादित भूमि को हथियाने का कार्य करते आ रहे हैं, और उनके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हंसवर थाने में दी जा चुकी हैं।
रसूख और पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों में चर्चा है कि लारा स्वयं को प्रभावशाली रसूखदारों का करीबी बताता है और यहां तक कि पुलिस पर दबाव बना लेने का दावा करता फिरता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हंसवर थाना इन लोगों के खिलाफ अपेक्षित कार्रवाई नहीं कर रहा है।
क्या पुलिस कार्रवाई अधूरी है?
पुलिस ने इस मामले में आरोपी समद (पति) और गर्भपात कराने वाली महिला डॉक्टर गीता मौर्या को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, परंतु मुख्य साजिशकर्ता अब्दुर्रहमान और उसके अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है। इस विलंब को लेकर ग्रामीणों में रोष है और यह सवाल उठ रहा है कि पुलिस किन कारणों से मुख्य आरोपी को बचा रही है।