अम्बेडकर नगर। (टांडा): टांडा तहसील क्षेत्र की नगर पालिका पंचायत इल्तिफ़ातगंज के विवेकानंद नगर वार्ड नंबर 7 में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं और बजबजाती नालियों से मच्छरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि ग्रामीणों का सामान्य जीवन जीना दूभर हो गया है।स्थानीय निवासियों के अनुसार, नालियों की हालत बेहद खराब है—टूटी-फूटी, जाम और खुली पड़ी नालियों से मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। गर्मी और बारिश के मौसम में गंदगी के कारण संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। पहले ही कई लोग बुखार और डेंगू मलेरिया अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। वही कुछ माह पहले भी डेंगू से 14 वर्षीय बच्चे को जान गवानी पड़ी थी। जिम्मेदार सदस्य भी बीती रात की तरह मौसम के साथ बदलते नजर आ रहे हैं। स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है जब पता चलता है कि नगर पंचायत कार्यालय में कार्यकारी अधिकारी (ईओ) की कुर्सी खाली पड़ी है। स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि वार्ड नंबर 7 में न तो सफाई की कोई व्यवस्था है, न ही नियमित निगरानी।ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वार्ड नंबर 7 विकास की सूची से ही गायब कर दिया गया है। मानो यहाँ इंसान रहते ही नहीं, और नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी अपने वातानुकूलित कार्यालयों में बैठे आराम से गर्मी का आनंद ले रहे हैं।जबकि राज्य और केंद्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से साफ-सफाई को लेकर जागरूकता फैला रही है, वहीं ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है।अब देखना यह है कि नगर पंचायत के जिम्मेदार कब जागेंगे और इस उपेक्षित वार्ड की सुध लेंगे। या फिर वार्ड वासी इसी तरह मच्छरों और बीमारियों के बीच जीवन जीने को मजबूर रहेंगे।